सेवा में,
माननीय नरेन्द्र मोदी
प्रधानमंत्री, भारत सरकार,
प्रधान मंत्री कार्यालय,
साउथ ब्लॉक, रॉय सीना हिल्स,
नई दिल्ली – 110 011
विषय : प्रधान मुख्य आयुक्त कार्यालय, कैडर कंट्रोल, सेंट्रल जीएसटी एंड सेंट्रल एक्साइज, लखनऊ में वर्ष 2007, 2011 व 2012 में लखनऊ व मेरठ जोन के लगभग 400 निचले ग्रेड के कर्मचारियों को अवैध तरीके से इंस्पेक्टर के पद पर प्रमोशन दिए जाने से संबंधित भ्रष्टाचार के संबंध में I
महोदय,
इस पत्र के माध्यम से हमारी संस्था प्रधान मुख्य आयुक्त कार्यालय (कैडर कंट्रोल), कस्टम्स व सेंट्रल एक्साइज विभाग लखनऊ, (वर्तमान में सेंट्रल जीएसटी एंड सेंट्रल एक्साइज, लखनऊ) में वर्ष 2007 से लेकर वर्तमान समय तक लगातार किये जा रहे एक बड़े भ्रष्टाचार की जाँच का अनुरोध करना चाहती है I
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित प्रधान मुख्य आयुक्त कार्यालय, कैडर कंट्रोल, सेंट्रल जीएसटी एंड सेंट्रल एक्साइज, 7 ए, अशोक मार्ग लखनऊ, उत्तरप्रदेश और उत्तरांचल में फैले विभाग के समस्त कार्यालयों का मुख्यालय है। जिसके अंतर्गत लखनऊ और मेरठ जोन के लगभग 14-14 आयुक्तालय व महानिदेशालय आते हैं।
विभाग के ही कुछ बिचौलियों के मार्फ़त, वर्ष 2007, 2011 व 2012 में केंद्रीय उत्पाद शुल्क एवं सीमा शुल्क बोर्ड, नई दिल्ली (वर्तमान में केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड, नई दिल्ली) के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के कुछ तत्कालीन अधिकारियों और प्रधान मुख्य आयुक्त कार्यालय, कैडर कंट्रोल, कस्टम्स व सेंट्रल एक्साइज, लखनऊ, (वर्तमान में सेंट्रल जीएसटी एंड सेंट्रल एक्साइज, लखनऊ) के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के कुछ तत्कालीन अधिकारियों की मिलीभगत से विभाग के लखनऊ व मेरठ जोन में लगभग 400 निचले ग्रेड के कर्मचारियों जैसे सिपाही और लिपिकों को अवैध तरीके से इंस्पेक्टर के पद पर प्रमोशन दे दिया गया था। इस गोरखधंधे में करोड़ों रूपये की घूसखोरी की गयी थी और यथास्थिति बनाये रखने के लिए ये घूसखोरी वर्तमान में भी जारी है I
वर्ष 2012 के बाद केंद्र की सरकार और सीबीआईसी बोर्ड नई दिल्ली, के उच्च अधिकारियों के बदल जाने पर ये फर्जीवाड़ा प्रकाश में आया। जिसके उपरान्त स्वयं सीबीआईसी ने ही प्रधान मुख्य आयुक्त कार्यालय, कैडर कंट्रोल, सेंट्रल जीएसटी एंड सेंट्रल एक्साइज, लखनऊ को वर्ष 2016 से 2018 के बीच कई लिखित पत्र जारी किये और इंस्पेक्टर के पदों पर किये गए इन 400 फर्जी प्रमोशन को अवैध घोषित कर दिया। साथ ही ये भी स्पष्ट निर्देश जारी किये कि यथाशीघ्र वर्ष 2002 के बाद निरीक्षकों के पद पर स्वीकृत क्षमता से अधिक किये गए सभी प्रमोशन रद्द कर दिए जाएँ और इनको दिए गए अधिक वेतन की रिकवरी भी की जाये।
इसके अतिरिक्त सीबीआईसी बोर्ड ने वर्ष 2017 में उक्त मामले की जाँच के लिए एक उच्च स्तरीय जाँच कमेटी भी गठित की I दिनांक 16.05.2018 को इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि निरीक्षक के पदों पर की गयी उक्त 400 पदोन्नतियां अवैध थीं तथा अनुचित पदोन्नति पाए इन अवैध निरीक्षकों को तत्काल डिमोट किया जाये और इनको दिए गए अधिक वेतन की रिकवरी भी की जाये।
सीबीआईसी, नई दिल्ली व प्रधान मुख्य आयुक्त कार्यालय, कैडर कंट्रोल, सेंट्रल जीएसटी एंड सेंट्रल एक्साइज, लखनऊ जोन के कुछ भ्रष्ट आईआरएस अधिकारियों की मिली भगत से अनुचित पदोन्नति पाए निरीक्षकों को बढे हुए वेतन मान का लाभ देकर, सरकारी खजाने को लगभग 150 करोड़ रूपये का चूना लगाया जा चुका है।
कुछ समय पहले ही, प्रधान मुख्य आयुक्त कार्यालय, कैडर कंट्रोल, सेंट्रल जीएसटी एंड सेंट्रल एक्साइज, लखनऊ जोन ने भी सीबीआईसी, नई दिल्ली, को लिखे अपने पत्रों के माध्यम से ये स्वीकार किया है कि वर्ष 2002 के बाद निरीक्षकों के पद पर स्वीकृत क्षमता से अधिक किये गए सभी प्रमोशन अनुचित हैं।
सीबीआईसी, नई दिल्ली के कई लिखित आदेशों के बाबजूद अभी तक इन फर्जी निरीक्षकों को डिमोट करने की कोई कार्रवाई नहीं की गयी। और ना ही उनको दिए गए अधिक वेतन की कोई रिकवरी हुई। इन फर्जी निरीक्षकों के द्वारा पिछले कई वर्षों से लगातार उच्च पद का पदलाभ भी लिया जा रहा है।
प्रधान मुख्य आयुक्त कार्यालय, कैडर कंट्रोल, सीजीएसटी एंड सेंट्रल एक्साइज, लखनऊ, की पोस्टिंग कुछ आईआरएस अधिकारियों के लिए “मलाईदार” पोस्टिंग बनी हुई है। इस प्राइम पोस्टिंग में आईआरएस अधिकारियों को कार्यों को करने के लिए नहीं बल्कि “कुछ कार्यों को नहीं करने के लिए” और “यथा स्थिति बनाये रखने के लिए” विभाग के ही कुछ बिचौलियों से मोटी रकम मिलती रहती है। जो भी आईआरएस अधिकारी प्रधान मुख्य आयुक्त कार्यालय, कैडर कंट्रोल, सेंट्रल जीएसटी एंड सेंट्रल एक्साइज, लखनऊ, में पोस्टिंग पाता है वो अपने यहाँ के पूरे कार्यकाल में “कुछ कार्यों को न करने ” और “यथा स्थिति बनाये रखने” के एवज में मोटी रकम लेकर और समय बिताकर यहाँ से निकल जाते हैं I
इन भ्रष्टाचारियों की फेरहिस्त साल दर साल लम्बी होती जा रही है जिसकी उच्च स्तरीय जाँच होना बहुत आवश्यक है। इस मामले में वर्तमान में सीबीआईसी, नई दिल्ली, द्वारा स्पष्ट आदेश एवं निर्देश होते हुए भी आज तक कोई कार्रवाई न करना प्रधान मुख्य आयुक्त कार्यालय, कैडर कंट्रोल, सीजीएसटी, लखनऊ, के कुछ आईआरएस अधिकारियों की इस गोरख धंधे में मिलीभगत के दावों की पुष्टि भी करता है। कैडर कंट्रोल, सीजीएसटी, लखनऊ और सीबीआईसी, नई दिल्ली, इस घोटाले का ठीकरा एक दूसरे के सिर मढ़ने का लगातार प्रयास करते रहते हैं। जबकि घोटाले में शामिल रकम का आकार दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है।
प्रार्थना
इस फर्जीवाड़े के सभी साक्ष्य, दस्तावेज और विशिष्ट विवरण प्रधान मुख्य आयुक्त कार्यालय, लखनऊ की कैडर कंट्रोल शाखा में मामले से संबंधित फाइलों में उपलब्ध हैं I सीबीआईसी कार्यालय, नई दिल्ली, और प्रधान मुख्य आयुक्त कार्यालय, कैडर कंट्रोल शाखा, लखनऊ में उपरोक्त मामले से संबंधित दस्तावेजों की गहन जाँच पड़ताल की जाये और पुराने रिकॉर्ड खंगाले जाएँ तो इन भ्रष्ट उच्च अधिकारियों द्वारा किये गए इस फर्जीवाड़े का पूरा खुलासा हो जायेगा। इस मामले में प्रधान मुख्य आयुक्त कार्यालय, कैडर कंट्रोल शाखा, सीजीएसटी, लखनऊ में वर्ष 2007 से वर्तमान समय तक पदस्थापित हुए निचले ग्रेड के सभी कर्मचारियों के भी लिखित बयान दर्ज करवाए जाएँ जिससे कि इस फर्जीवाड़े का पूर्ण खुलासा हो सके I
वर्ष 2007, 2011 व 2012 में अवैध प्रमोशन करने वाले केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड, नई दिल्ली (सीबीआईसी) के भारतीय राजस्व सेवा के तत्कालीन अधिकारियों और प्रधान मुख्य आयुक्त कार्यालय, कैडर कंट्रोल, सीजीएसटी, लखनऊ के भारतीय राजस्व सेवा के तत्कालीन अधिकारियों के लिखित बयान दर्ज करवाए जाएँ और उनके खिलाफ जाँच करके उचित कार्रवाई करने की कृपा करें I
वर्ष 2012 के बाद से वर्तमान समय तक प्रधान मुख्य आयुक्त कार्यालय, कैडर कंट्रोल शाखा, सीजीएसटी, लखनऊ में पदस्थापित रहे भारतीय राजस्व सेवा के सभी अधिकारियों के लिखित बयान दर्ज करवाए जाएँ तथा उनके द्वारा भ्रष्टाचार की “यथा स्थिति को बनाये रखने के लिए” उनके खिलाफ जाँच करके उचित कार्रवाई करने की कृपा करें I
प्रधान मुख्य आयुक्त कार्यालय, कैडर कंट्रोल, सेंट्रल जीएसटी एंड सेंट्रल एक्साइज, लखनऊ में वर्ष 2007, 2011 व 2012 में लखनऊ व मेरठ जोन के स्वीकृत क्षमता से अधिक निरीक्षकों के पद पर किये गए लगभग 400 प्रमोशन तत्काल रद्द किए जाएँ और इनको दिए गए अधिक वेतन की रिकवरी भी की जाये।
भवदीय
श्रवण गुप्ता
सचिव