लखनऊ। बीते शुक्रवार को लखनऊ जोन के मुख्य आयुक्त ने गलत तरीके से प्रोन्नति पाए निरीक्षकों के राजनीतिक दबाव के बाबजूद भी इस गोरखधंधे का अंत कर दिया।
ज्ञात हो कि अनंत फाउंडेशन ने कांग्रेस सरकार के शासनकाल में हुए भ्रष्टचार को प्रधानमंत्री पत्र लिख कर उजागर किया था। इस घोटाले में देश के करोड़ों करदाताओं की गाढ़ी कमाई की बंदर बांट की जा रही थी। कांग्रेस सरकार ने गलत तरीके से सैकड़ों लिपिक और कर सहायक ग्रेड के कर्मचारियों की प्रोन्नति 2007, 2011, 2012 में निरीक्षक के पद पर रिक्तियाँ न होने के बावजूद कर दिया था। साथ ही बढ़े वेतनमान का लाभ भी 2002 से दे दिया। गलत तरीके से प्रमोशन पाये निरीक्षको को बढ़ा वेतनमान देने में देश के करोड़ों करदाताओं के पैसों से खुले आम लूटा गया। विभागीय जांच में यथास्थिति को बनाए रखने के लिए भी करोड़ों रूपये की घूस दी गई।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री कार्यालय ने अनंत फाउंडेशन के पत्र का संज्ञान लेकर इस भ्रष्टचार की फाइल खोली। महालेखा नियंत्रक एवं परीक्षक के कार्यालय से भी केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर तथा सीमा शुल्क, लखनऊ, कैडर कंट्रोलिंग कार्यालय को ज्ञापन जारी हुआ।
परिणाम स्वरूप इन लिपिक ग्रेड से निरीक्षकों के ग्रेड में हुई अवैध प्रोन्नति को रद्द कर दिया गया। भ्रष्टचार का भांडा भूटते ही सैकड़ों कर्मचारियों को डिमोट कर लिपिक बना दिया गया।
अब देखने की बात ये हैं कि गलत तरीके से प्रमोशन पाये कर्मचारियों से बढ़े वेतन की करोड़ों रूपये की रिकवरी कब होगी।

 

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